परिवार ही सर्वोपरि

लालच जीवन में कई, सर्व प्रथम परिवार। साथ सबका जब छूटे, अडिग यही दीवार॥ आजकल की जिन्दगी की विडंबना है कि हमें अपने जिस परिवार को प्राथमिकता देनी चाहिए, उसे हम कार्य, धन, ताकत और […]

लचीलेपन से स्वीकार्यता बने

भाव लचीला जो रखे, करते सब स्वीकार। आप अकड़ के जब चले, करे न कोई प्यार॥ लोहा, सोना या चाँदी हो हम किसी भी धातु को तभी आकार दे पाते हैं जब पहले उसे लचीला […]

अपेक्षा से बढ़कर करे

महिमा हो संसार में, थोड़ा ज़्यादा काम। पार करे उम्मीद को, जग में होगा नाम॥ यदि आप साधारण में ‘अ’ जोड़ देते हैं तो आप अ-साधारण हो जाते हैं। अपने विद्यार्थियों से मैं यह सवाल […]

मित्र बहुमूल्य धरोहर

मित्र धरोहर मोल नहीं, छोड़े कभी न हाथ। रहे सदा यह भावना, नहीं स्वार्थ का साथ॥ मित्रता करना आसान है लेकिन आजीवन मैत्री निभाने के लिए उच्च स्तरीय भावनात्मक समझदारी की जरुरत होती है। सोशल […]

नकारात्मक तनाव हटाएं

सकारात्मकता बने ,रह ना सके नकार। बढ़ता रहे तनाव ही ,नकारात्मक सार॥ आधुनिक दौर में तनाव अपरिहार्य है. शहरीकरण और औद्योगिकीकरण के चलते जरुरतें दिन-बी-दिन बढ़ती जा रही हैं. इच्छाओं और अपेक्षाओं को घटाना आसान […]